कभी ख़ुद के साथ बैठ कर चाय पियो और बातें करो

कभी ख़ुद के साथ बैठ कर चाय पियो और बातें करो

ना जाने क्यों अक्सर हमारी चाहतों और लोग क्या कहेंगे में से लोग क्या कहेंगे ज्यादा ज़रूरी हो जाता हैहर्षित सिंहहम सबकी ज़िंदगी में एक ऐसा वक़्त ज़रूर आता है जब हम अपना पूरा आत्म विश्वास खो देते है।पहले सब कुछ आसान लगता है, वो सब एक मज़ाक़ लगता है पर असल में धीरे धीरे वही मज़ाक़ आपको मारने का काम करता है ।कितने पतले हो तुम? कुछ खाया करो, घर का सारा ख़ाना कुत्ते बिल्ली और बंदरों को ही खिला दिया जाता है। तुम्हें कुछ खाने को नहीं मिलता, कपड़े लगते है मानो हेंगर में टांगें गये हो। बचपन से...

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