भय और निर्भय के बीच की महीन लकीर को गहरायी से समझते हुए डर का विश्लेषण कीजिए और उसके कारकों को पहचानिये। डर के कारण अपने उद्देश्य से न रुकें।प्रशांत दीक्षितभय और निर्भय के बीच की महीन लकीर को गहरायी से समझने के लिए जिन सूत्रों से भय का आभास होता है उनके अवयवों पर पहले गूढ़ता से परीक्षण निश्चय ही भय को समझने की कड़ी है। भय के कई पर्यायवाची शब्द हैं जैसे की डर, आतंक , खौफ, दहशत, जिनका प्रसंगो के मुताबिक उपयोग किया जा सकता है। भय हमेशा अज्ञात इकाइयों से ही उभरता है। साधारण शब्दों में...
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